#राहें दिखा रहे थे.. वो राहें मेरी #मोड़ने को.. बहुत #दूर तक चलें थे कहीं दूर #छोड़ने को... ☆☆☆ #इत्तिहाम क्यों कहे.?? इत्तेफ़ाक़ ही है #सब..!! #इजाजत तो लिए थे ही ऐतबार #तोड़ने को... ©Nishank Pandey #lost