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Maa चारदीवारी में रहकर , सबका पालन- पोषण करती है।

Maa  चारदीवारी में रहकर , सबका पालन- पोषण करती है।
वो माँ ही है, जो सबका ख्याल रखती है।

उठ बेटा! सुबह हो गई, ये कहकर जो उठाती है।
वो माँ ही तो है, जिसे खुद से ज्यादा हमारे सपनों की परवाह होती है।

हम तो स्टेटस लगाकर, अपना दुःख कर देते है बयाँ।
पर वो माँ ही तो है जो अपना दुःख कहाँ बयाँ कर पाती है।

जो निस्वार्थ प्रेम कर, सब दुःख स्वयं सह लेती है।
पर वो माँ ही है, जो कभी अपने बच्चों पर आँच नहीं आने देती।

©Harshita sharma #Mother #maa #mothers Love
Maa  चारदीवारी में रहकर , सबका पालन- पोषण करती है।
वो माँ ही है, जो सबका ख्याल रखती है।

उठ बेटा! सुबह हो गई, ये कहकर जो उठाती है।
वो माँ ही तो है, जिसे खुद से ज्यादा हमारे सपनों की परवाह होती है।

हम तो स्टेटस लगाकर, अपना दुःख कर देते है बयाँ।
पर वो माँ ही तो है जो अपना दुःख कहाँ बयाँ कर पाती है।

जो निस्वार्थ प्रेम कर, सब दुःख स्वयं सह लेती है।
पर वो माँ ही है, जो कभी अपने बच्चों पर आँच नहीं आने देती।

©Harshita sharma #Mother #maa #mothers Love