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यूँ ही आजकल गुफ़्तगू बढ़ रही है, लफ़्ज़ों में इश्क़ की

यूँ ही आजकल गुफ़्तगू बढ़ रही है,
लफ़्ज़ों में इश्क़ की खुशबू बढ़ रही है,
क्यों दूरी है दरमियाँ हम लोगों के,
अब तो मिलने की आरज़ू बढ़ रही है।

शुभम सक्सेना 'शुभ' यूँ ही आजकल गुफ़्तगू बढ़ रही है,
लफ़्ज़ों में इश्क़ की खुशबू बढ़ रही है,
क्यों दूरी है दरमियाँ हम लोगों के,
अब तो मिलने की आरज़ू बाद रही है।

शुभम सक्सेना 'शुभ'

#ShubhamKiKalamSe✍️
यूँ ही आजकल गुफ़्तगू बढ़ रही है,
लफ़्ज़ों में इश्क़ की खुशबू बढ़ रही है,
क्यों दूरी है दरमियाँ हम लोगों के,
अब तो मिलने की आरज़ू बढ़ रही है।

शुभम सक्सेना 'शुभ' यूँ ही आजकल गुफ़्तगू बढ़ रही है,
लफ़्ज़ों में इश्क़ की खुशबू बढ़ रही है,
क्यों दूरी है दरमियाँ हम लोगों के,
अब तो मिलने की आरज़ू बाद रही है।

शुभम सक्सेना 'शुभ'

#ShubhamKiKalamSe✍️

यूँ ही आजकल गुफ़्तगू बढ़ रही है, लफ़्ज़ों में इश्क़ की खुशबू बढ़ रही है, क्यों दूरी है दरमियाँ हम लोगों के, अब तो मिलने की आरज़ू बाद रही है। शुभम सक्सेना 'शुभ' ShubhamKiKalamSe✍️ #shayri #Shayari