दिल में मेरे रहती बसी सूरत है आपकी पलकों पे रखूँगा मै हुजूरत है आपकी जैसे होती मीन को जल की है जरूरत वैसे ही मेरे दिल को जरूरत है आपकी ©Ramesh Navankur #rameshnavankur #kavita