पल्लव की डायरी सौदे की बजह खोजने लगे है काबू में करने के लिये तंग कोरोना से करने लगे है पूँजी के पहाड़ पर बैठकर आमद के रास्ते बंद कर गरीबो की जिंदगी छीनने लगे है डर का शोर मीडिया और अखबारो में चलाकर जबरजस्त मुनाफा करने लगे है श्मशानों पर भी सौदे चुने हुये घाटो पर ही दाह संस्कार की इजाजत भीड़ बढ़ाकर क़ई गुना कमाई करने लगे है रावण कहु या कंस कहु या अमर होने का वरदान कहु या यमराज का दलाल कहु प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" यमराज का दलाल कहु #Drops