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आसमान में तारों को देखने का सिलसिला मेरा कुछ यू ही

आसमान में तारों को देखने का सिलसिला मेरा कुछ
यू ही शुरू हुआ.!
मैं दिन ढलने का इंतजार करने लगा
शाम होते ही मैं भाग के छत पे जाता
और उसे आसमान में ढूंढता;
उसमे से एक थी जो सबसे अलग थी
एक ऐसी सादगी मे रहती थी 
जो मेरे जेहन पे उकेर जाती थी
हम चुप _चाप एक दूसरे को घंटो देखा करते थे
मानो वो मुझे कुछ कहना चाहती थी
एक दिन मैं हिम्मत करके उससे पूछने चला
पर वो उस दिन से दिखी नही.
मैं आज भी शाम को छत पे घंटो बिताया करता हु
आसमान में तारो को देखने का सिलसिला मेरा कुछ 
यू ही सुरु हुआ ..!

©Sudhir_Mishra23
  #astrology