कामाक्षी कमल नयन लालित्य से परिपूर्ण यौवन तेरा हे गजगामनी मृदुल भासनी मृगनयनी समान है नैन कर्मठ योगी, योग गवा कर सब तुझ पर लूटा दे निर्मल पावन जल के जैसी बहती जाए प्रीत है ऐसी हे सुलोचना स्वरभास्करी चंचल चित आवेदन देता कर लो हमसे प्रीत ©Savita Nimesh श्रृंगार रस #droplets