अदाएँ क्या देखते हो हमारी,कभी रूह में उतरकर जिगर देखिए परखती है दुनिया ज़माने की नज़र से,आप अपनी नज़र से बेफिकर देखिए तारीफ़ो का क्या है,बदलती रहेंगी कुछ कहने से पहले,गालों पे बनते भंवर देखिए संवरने की शायद अब जरूरत नहीं है सादगी में अपनी,हमको हर पहर देखिए कभी ख़ामोश तुम रहो,कभी चुप हम रहें कभी दिन की बाहों में पिघलती दोपहर देखिए सुबह ने साँझ को छुआ है,रात को कुछ हुआ है कभी अंबर के आँचल पे बनती लहर देखिए जो तेरे बिना गुज़ारूँ,जिंदगी में कभी न ऐसा दिन आए कभी शहद की शीशी में हमें देकर ज़हर देखिए... © trehan abhishek #अदाएं #शहद #ज़हर #manawoawaratha #yqdidi #yqaestheticthoughts #yqrestzone #lovestory