मैं चलती जाऊं, तू ताड़ता जाये तेरी अबला आशा नहीं हूं मैैं । आबरू का खेल, अपने घर जाके खेल हर जगह मिल जाये जो,वो निराशा नहीं हूं मैं । स्वाभिमान हूं , माई बाप का किसी जाहिल का तमाशा नहीं हूं मैं । #selfrespectfirst #womanpower #raiseyourvoice #hindiquotes #hindikavita #yqbaba #yqdidi #yqpoetry ❤