मेरा यह लेख तानाजा द अनसंग वारियर से प्रेरित है.... शिवराया शिवाजी एवं तानाजी जैसे वीरो को हम नमन करते हैं 🙏🙏🙏 पर इस पूरी कहानी में मुझे दो वीरांगनाए भी दिखी उनका यूद्ध अस्त्र उनका आत्मबल,संयम, विश्वास और भक्ति थे जो सिखाते हैं स्त्री की शक्ति बाहुबल से नहीं आत्मबल 1) प्रथम मातोश्री जीजा मा साहेब उनका विश्वास थथा अपने पूत्र पर और अपनी माँ भवानी की भक्ति पर एक पल भी विचलित नही हुई ) सावित्रीबाई संयमित पर तीव्र महिला जो अपने पति की प्रेरणा ढाल बनी विपरीत परिस्थितियों मे भी अपना संयम नही खोया और वचन सिर्फ कहा नहीं उसे निभाया भी अपने शिव की शक्ति बनकर तभी हम नारी को शक्ति बनकर पूजते हैं जय भवानी जय शिवाजी जगदंब..... नारायणी