किया साल भर बेसब्री से इंतजार, आयी तब एक साल बाद ये रंगों भरी होली, अब आया ये रंगो का अनोखा त्योहार, इसे ऐसे ही ना जाने दो, कितने भी हो गिले-शिकवे तुम्हारे किसी से, उन सबको होली के निश्छल रंगों से भर दो, मिटा दो दिल के सारे दाग, इनको होली के हजारों रंगो से ढक दो, लगा लो उन सभी को दिल से जो, छूट गए नादानी से और तुम्हारे झूठे अभिमान से, परिवार ही देता है,मुश्किलों में साथ ए नादान, बाकी तो बस तमासे मै खड़े दर्शक होते है, तो आयी इस बार की होली में, मौका सुनहरा हाथ से ना जाने दो, भुला दो सारे गिले-शिकवे और, दिल से दिलो को मिल जाने दो, करना तुम्हें कुछ नहीं बस, जब देखे बो तुम्हें झुकी नज़रों से, सोचो ना कुछ बस, जाकर गले से लगा लो , अबकी आयी इस होली को, जीवन की सबसे अच्छी होली बना दो। #holi #poem #mylines #poetry #holiwithcolors #holilines #holipoetry