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मंजिल मिल ही जायेगी एक दिन, भटकते-भटकते ही सही ।

मंजिल मिल ही जायेगी एक दिन,
भटकते-भटकते ही सही । 
गुमराह तो वो है, जो घर से निकले ही नहीं | खुशियां मिल जायेगी एक दिन, रोते रोते ही सही ॥ 
कमजोर दिल के है वो जो हसने को सोचते ही नहीं ॥ ॥
पुरे होंगे हर वो ख्वाब, जो देखते है अंधेरी रातों मे ॥ ॥ 
ना समझ हैं वो. जो डर से पुरी रात सोते ही नही.।।

©MrAkaSharma #City #shyari #GumrahShayar #Love 
मंजिल मिल ही जायेगी एक दिन,
भटकते-भटकते ही सही । 
गुमराह तो वो है, जो घर से निकले ही नहीं | खुशियां मिल जायेगी एक दिन, रोते रोते ही सही ॥ 
कमजोर दिल के है वो जो हसने को सोचते ही नहीं ॥ ॥
पुरे होंगे हर वो ख्वाब, जो देखते है अंधेरी रातों मे ॥ ॥ 
ना समझ हैं वो. जो डर से पुरी रात सोते ही नही.।।

©MrAkaSharma #City #shyari #GumrahShayar #Love 
mrakasharma7654

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