क्यों उखाड़ फेकते तुम नहीं, जड़ से इस गद्दारी के पौधे को? क्यों मिटा देते हो तुम नहीं, जो उजाड़े है इस घरोंधे को? या रौंध दो या चुप हो जाओ, देश के दुश्मन इन शैतानो को? या जन्म लेना पड़ेगा फिर से, देश पर मर मिटे हुए जवानो को? Deshbbhakto ke naam sandesh