अनजान से सफर में एक दोस्त दोस्ती और रिश्तेदारी निभाने में बहुत आगे बढ गये.... अंजान मित्रों के संग बहुत आगे बढ गये.. जेब खाली हो गया... इन्टरनेट भी हट गया... खुद को बेहतर मानते मानते... फिर से तन्हा हो गये। मित्रों.. हो सकता है या तो हमारी बातें समझ नहीं आये.. लेकिन अन्जाने प्यार में कंही अपने ना गुम हो जायें घड़ी दो घड़ी जन्म दाता का भी दिल बहलायें कंही एक अन्जाने सफर में अपने दूर ना हो जायें ।