वक़्त के गुज़र जाने की चाह है तुझे हमसफ़र बनाने की चाह है क्यों ग़मज़दा हूँ क्या कहूँ, कैसे कहूँ तेरी अहलिया बन जाने की चाह है! जो थे अपने वो होने लगे है अजनबी लाई है किस मोड़ पर मुझे,ये ज़िंदगी मैं अगर ख़ुदगर्ज़ होना चाह भी लूँ वक़्त भी लेआय मुझमें बेख़ुदी, अब बचा ना पास कुछ भी मेरे नाज़ थी करती के ये सब है मेरे लाख समझाऊँ मगर माने ना दिल सोच कर दिल जाता है ये मेरा हिल, वक़्त के गुज़र जाने की चाह है तुझे हमसफ़र बनाने की चाह है क्यों ग़मज़दा हूँ क्या कहूँ, कैसे कहूँ तेरी अहलिया बन जाने की चाह है!! ©Chandni Khatoon वक़्त के गुज़र जाने की चाह है #Moon shayari on love hindi shayari most romantic love shayari in hindi for boyfriend shayari on life shayari love dedicated to my husband Nasaruddin #writer #Chandni #Love #Life #Nojoto #Shayari #true