बेतहाशा याद तुम आते हो। दिवाना हमें कर जाते हो।। लाख सम्भाले से भी जब नहीं सम्हलते मेरे जज़्बात आंखों से अश्क बह जाते हैं। सपनों में तुम्हें बुलाने को हम रोते रोते सो जाते हैं।। क्या याद तुम्हें भी आती है साथ गुजारे हसी लम्हों की। खोए रहते थे एक दूजे में फ़िक्र नहीं थी दुनिया की। चले गए हो जब छोड़ कर क्यूं आकर मुझे सताते हो। पागल हमें बना जाते हो।। ©Nilam Agarwalla #रोतेरोते