Nojoto: Largest Storytelling Platform

भूली बातों में अपनी गलती ढूँढने, तेरे संग लिखे पन्

भूली बातों में अपनी गलती ढूँढने,
तेरे संग लिखे पन्नों को पलटा  है,
मुस्कानें पढ़ता हूँ, तो रोना आता है,
इन पन्नों में कितनी सरलता है। 

पलकों की पालकी थी,
आज आंसू भी उनपर चढ़ लेते हैं,
अब जाकर गुज़रे ज़माने के ख़त मिले हैं,

भूली बातों में अपनी गलती ढूँढने, तेरे संग लिखे पन्नों को पलटा  है, मुस्कानें पढ़ता हूँ, तो रोना आता है, इन पन्नों में कितनी सरलता है।  पलकों की पालकी थी, आज आंसू भी उनपर चढ़ लेते हैं, अब जाकर गुज़रे ज़माने के ख़त मिले हैं, #Poetry #Love #Nojoto #Hindi #pyaar #kavishala #nojotohindi #hindipoetry #judai #kalakaksh #Judaai #nojotokhabri

4,258 Views