निंदा आध्यात्मिक साधकों के लिए आत्मघाती मानी गई है आध्यात्मिक गुरु श्री प्रभुपाद कहते हैं जो अवैध संघ दोष अन्वेषण या अनुचित हिंसा जैसे पाप कृतियों में लगे हैं उन्हें अध्यात्मिक ज्ञान या वह कभी प्राप्त नहीं हो सकता पाप कृत्यों से अज्ञान के अंधकार और गहन हो जाते हैं जबकि पूर्व कृत्य हमारे जीवन को द्रव्य ज्ञान रूपी ज्योतिष से उज्जवल इत कर देते हैं ©Ek villain #Anticorruption उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान या बोध कभी प्राप्त नहीं हो सकता जो निंदा करते हैं