हम चाहे जहां भी हैं पर अभी भी तुम्हारी यादों में हैं, जो बीत रही है तन्हा उन तमाम रातों में हैं, यहां वहां मुड़कर न ढूंढों हमें, बनकर नशा अभी भी हम तुम्हारी आंखों में हैं। ©Vima_l kalar_a हम तुम्हारी आंखों में हैं।