सारे जहांँ की खुशियांँ लुटाऊँ तुझ पर ही ऐ मेरे सनम, हर एक जनम में हमारे बनोगे ले लूंँ मैं तुझसे कसम। ना शिकवा करेंगें न कोई शिकायत बन कर रहेंगे तेरे, लुटा कर खुद को ही रोशन करेंगे जीवन को हम तेरे। तुम्हारे ही पहलू में बसते हैं सनम मेरे तो दोनों ही जहाँ, चैन-ओ-सुकून खुद ही आ जाते हैं रहते हो तुम जहाँ। चांँद सितारों की ख्वाहिश नहीं है तेरा ही प्यार मैं पाऊंँ छोड़ूंँ ना तेरा दामन कभी हर पल तेरा साथ निभाऊंँ। तेरे साथ होने से जिंदगी का सफर सुहाना हो जाता है, तू साथ होता है तो हर गम खुशियों में बदल जाता है। ♥️ Challenge-530 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।