Nojoto: Largest Storytelling Platform

Hug Day Special लहलहाएं कहीं भी वृक्ष देवदार,

Hug Day Special 

लहलहाएं कहीं भी वृक्ष देवदार, 
नीम या पीपल के,
स्वस्थ कैसे तन मन रहे, 
मुरझाएं तुलसी आंगन के,
 फासलों की दीवार, 
क्यों आ रही है आड़े दिल के,
चाह रोज मिलने की है, 
तुम दिखे भी न दिन आलिंगन के।

©बोल_बेतौल by Atull Pandey #hugday #बोल_बेतौल