अब तो तेरा ही किनारा रह गया है, ये मन मेरा सूखी रेत सा बन गया है, सीचित कर दे इस प्यासे को, इसे बस तेरा सहारा रह गया है, पड़ा हूं किनारे पर इस तरह मैं, समन्दर का किनारा जैसे सज गया है, सोचता हूं खुद को तेरी गहराई में, फिर भी दिल प्यासा रह गया है, अब तो तेरा ही किनारा रह गया है..! अब तो तेरा ही..............!