फिर भी लूट लिया... (पूरी कविता अनुशीर्शक् मे ज़रूर पढ़े) सलवार सूट हमेशा पहनाई गयी फिर भी लूट के गया वो... ज्यादा बाते करने से रुकवाई गयी फिर भी लूट के गया वो... हँसी पे भी रोक लगाई फिर भी लूट के गया वो...