सूनो पछताओगे तुम यह बस्ती उजाड़ कर इक गरीब नाखुदा की कश्ती उजाड़ कर जो परिंदे यहां अपने दम पे जीते हैं क्या मिलेगा तुम्हें उनकी हस्ती उजाड़ कर। साक़िब नूर #NojotoQuote #savebird