#महाराणा_प्रताप "हिय हिन्द हाहाकार, मुगल मचाते मार, घुटते थे घर बार, पुलकित पाप था, चहुँ-ओर चाटुकार, लज्जित थी ललकार पराजय के प्रकार, बादशा ही बाप था, जयजोश जीर्णजीर्ण, प्रजा पूरी प्रकीर्ण क्षत्रिय क्षमा में क्षीण, सर्वत्र संताप था, उस पल स्वाभिमान, हिय हर हिन्दुवान, गोविन्द गुंजायमान, प्रतीक प्रताप था।" #चारण_गोविन्द #महाराणा_प्रताप #चारण_गोविन्द #govindkesher #CharanGovindG #Poetry #rajasthan #RAJASTHANI #maharanapratap