ये जीवन संघर्षों का घर, चलता जा तू चलता जा। इन कांँटो से डर मत प्यारे, बढ़ता जा तू बढ़ता जा। दुख के मेघों को देख के तू, न घबराना न रुक जाना। होगी सुख की वर्षा प्यारे, कदम बढ़ाकर चलता जा। प्रभु की सबसे अनुपम कृति तू, जीवन से क्यूंँ हार गया। प्रभु करेंगे पार रे बंदे, कर्म तू अपने करता जा। जग के स्वामी अंतर्यामी सब संकट हर जाएंगे। होंगे तेरे राम सहायक, राम राम बस रटता जा। Rest Zone द्वारा प्रेषित एक विचारोत्तेजक #collab #दुखकासमाधान #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #मौर्यवंशी_मनीष_मन #प्रभु_मन