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एक कदम आगे वो बढ़ाती है तो हजार बार वो सोचती है...

एक कदम आगे वो बढ़ाती है
तो हजार बार वो सोचती है...

कि, सही होगा ? या फिर गलत ?
झिझकती है, ठिठकती है "
सही होगा, तभी वो आगे बढ़ती है...
हर बात को दिल से वो सोचती है,
गर न लगे सही "
तो वापस कदम अपने खींच लेती है...
हो गर भरोशा उसको "
तो आंखे मूंद के फिर वो चलती है...
लड़की का मन समझना मुश्किल है '
क्योंकि
बेपरवाह बिना सोचे
वो कुछ भी तो नही कहती है
वो कुछ भी तो नही करती है ...

©Krishná Gusaiñ
  #Ladki #Mann #Real #reality