मत पूछ मेरे मेहबूब से क्या कयामत की ह उसने दिल को मेरे चिर के फिर इबाबत भी की उसने सम्बल न पाया म उसके वार से न ही उसकी प्यार की तकरार से दिल की दवाई जो दी उसने आँख मार के होंठो से जाम पिलाया था उसने बाल सवांर के मत पूछ क्या कयामत की ह उसने बी+++@