चिताएँ तो रोज सजती हैं उनकी जो रोज बेचा करते हैं जमीर अपना शपथ लेकर जो चलाते हैं झूठ की दुकान कसम इंसाफ की लेकर करते हैं बेईमानी का चालान #चिताएँ # #जमीर का सौदा # #yqjamir #yqensaniyat #