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धरती का आशिक जैसे शाम ढले छुप छुप कर मिलने आता है

धरती का आशिक जैसे 
शाम ढले छुप छुप कर मिलने आता है
अपनी प्यार की चांदनी धरती पर ओढ़ाता है
चूमने को शबनम की छोटी-छोटी बूंदे भेज देता है
 कभी छुपकर सताता है #yosimwrimo #चाँदलगताहै  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
धरती का आशिक जैसे 
शाम ढले छुप छुप कर मिलने आता है
अपनी प्यार की चांदनी धरती पर ओढ़ाता है
चूमने को शबनम की छोटी-छोटी बूंदे भेज देता है
 कभी छुपकर सताता है #yosimwrimo #चाँदलगताहै  #YourQuoteAndMine
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