तुम से मिलना तो था मगर अफ़सोस कि ये हुआ नही और अब बात यू है कि मिलने का रहा कोई दुआ नही किस्मत ही कुछ ऐसी थी कि हर कोशिश नाकाम हुई अपने अधुरे ख्वाॅबो की तासीर इस तरहा सरंजाम हुई रास्ते अलग हुए, तुम चले उस राह, हम चले इस राह इसी बीच पता न चला कब दफ़न हुई मिलने की चाह ठीक वैसे ही जैसे दो किनारे मिल कर भी मिलते नही होती होगी आस मगर खुल कर गले कभी लगते नही जिंदगी का यही फ़लसफ़ा है कभी खोना, कभी पाना तक़दीर भी होती है, मिलने और बिछड़ने का फ़साना कभी-कभी हम लोगों से मिलना तो चाहते हैं मगर मिलते नहीं! #मिलनातोथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi