चाहतें तो थीं तुम से हज़ारों अल्फाज़ बयां करने की पर कर न सके कैसी ये जिंदगी है हम तुम से कभी मिल न सके ना खफा थी ना कोई खता थी बस कुछ मजबूरियां थीं जो मैं, तुम्हें खुद से दूर कर गई । ©Hymn #Fondness #sedness #Happiness