जिदंगी उस मोड़ पर ले आईं है, जिसे तुम कभी देखना ना चाहोगे, लेकिन मैं तो आज भी खेल खेलने के लिए तैयार हूं, क्या तुम खेलना चाहोगे, Gursewak singh. क्या तुम खेलना चाहोगे, Gursewak singh