शायद वो खो चुका है किसी और के प्यार में । साल बिता दिए है हमने जिस के इंतजार में ।। वो मेरी झूठी बुराइयां बताते हैं दूसरों को । जिनकी अच्छाइयां छपवा दी हमने अखबार में ।। written by madhukar singh chauhan