तुम हार का इल्जाम हमारे ऊपर लगा देना। तुम जीत का सेहरा अपने सर पर सजा लेना। अच्छा नहीं दीवारों पर लिख लिख कर इल्जाम लगाना। गुनाहगार तो हम हैं,अब छोड़ दो गैरों को सताना। कीमत मैं भी जानता हूं,तेरे ईमानदारी का। अब तू फेक दे चोला झूठी मूठी खुद्दारी का। ©Ajay Kumar Mishra खुद्दारी