अभी खुशियों में जीले तू , दुखों में संग रह लेंगे। जवानी तेज चलती है , बुढ़ापा संग रह लेंगे। जमाने से गुजारिश है , जिस्म दौ-संग दफनाये। जो जीते जी न रह पाए ,कबर में संग रह लें। विकास शर्मा "विचित्र" #विचित्र_ख़्याल