गालिब ! इश्क़ की बात ना करना मैं पहले इसी मे हार चुका हूँ... तुम जिन गलियों मे अब जा रहे हो मेरे दोस्त , मैं उन गलियों से हज़ार बार गुजर चुका हूँ .... #गालिब की शायरी..