ए तकदीर। अब हमनें सिख लिया है बदलना अपनी तकदीर। तेरी राह देखकर बन गए थे आलसीयों के वजीर। जिंदगी के किसी मोड पर मिल गई हमें वो मोहब्बत कि मुरत जिसने दीखाई हमें हमारी तस्वीर। हो गई हमें पेहचान अपने आपसे, सिख लिया हमने रखना भरोसा खुद पर और हौसला मंजिल पाने का, अब क्यों बने फकीर जब बदल सकते हैं करमों से तकदीर। जान गए हम करमों कि ताकद जो पल भर में बदल दें सोई हुई तकदीर। ऐसा भी मक़ाम आता है, जब किसी के लिए इंतज़ार भी नहीं रहता। #इंतज़ारनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi