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घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है घर से ये स

घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है
घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है 
अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना है 
जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो 
इस मुसाफ़िर को तो रस्ते में ठहर जाना है 
मौत लम्हे की सदा ज़िंदगी उम्रों की पुकार 
मैं यही सोच के ज़िंदा हूँ कि मर जाना है 
नश्शा ऐसा था कि मय-ख़ाने को दुनिया समझा 
होश आया तो ख़याल आया कि घर जाना है 
मिरे जज़्बे की बड़ी क़द्र है लोगों में मगर 
मेरे जज़्बे को मिरे साथ ही मर जाना है

©Neelam Modanwal
  #thepredator घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है
घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है 
अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना है 
जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो 
इस मुसाफ़िर को तो रस्ते में ठहर जाना है 
मौत लम्हे की सदा ज़िंदगी उम्रों की पुकार 
मैं यही सोच के ज़िंदा हूँ कि मर जाना है 
नश्शा ऐसा था कि मय-ख़ाने को दुनिया समझा
neelamkumari9468

Neelam Modanwal

Gold Star
Super Creator
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#thepredator घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना है जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो इस मुसाफ़िर को तो रस्ते में ठहर जाना है मौत लम्हे की सदा ज़िंदगी उम्रों की पुकार मैं यही सोच के ज़िंदा हूँ कि मर जाना है नश्शा ऐसा था कि मय-ख़ाने को दुनिया समझा #ज़िन्दगी

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