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आज फिर जिद की उसने करीब जाने की आज फिर वो मेरे करी

आज फिर जिद की उसने करीब जाने की
आज फिर वो मेरे करीब गया
दूर बैठकर मेरे सोचता हूं ,अपने बारे में
मैं दूर क्यूं नही गया उससे,जब वो मेरे करीब गया
सबने कहा यार वो जाने लगा
उससे कहो,अब तक नहीं गया
बिछड़ते समय भी गले लगकर ,रोने वाली रस्में
दुश्मन गया ,मगर रुलाकर गया

©sujeet dwivedi(logic) #Missing poetry
आज फिर जिद की उसने करीब जाने की
आज फिर वो मेरे करीब गया
दूर बैठकर मेरे सोचता हूं ,अपने बारे में
मैं दूर क्यूं नही गया उससे,जब वो मेरे करीब गया
सबने कहा यार वो जाने लगा
उससे कहो,अब तक नहीं गया
बिछड़ते समय भी गले लगकर ,रोने वाली रस्में
दुश्मन गया ,मगर रुलाकर गया

©sujeet dwivedi(logic) #Missing poetry