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आज अवध में गली -गली कुछ ऐसी रंग बिरंगी, दशरथतनय लि

आज अवध में गली -गली कुछ ऐसी रंग बिरंगी,
दशरथतनय लिए पिचकारी नगर हुआ हुडदंगी।
पूंछो तो रघुराई से कि रगं चढा यह कैसा?
पीतांबर जो अमलतास सो मुख हो टेसू जैसे। 
नील पीत औ' लाल हरित सा अंबर और अबीरा।
राम बजावै ढोल ताल दे और लखन मंजीरा ।।

वैसे तौ खेलें सब होरी पर आगे रघुवीरा।
चारों ओर गूंज हैं बम- बम, जोगीरा- जोगीरा। ।

©Rajpoot Naman singh अवध में होली रे रसिया 
#holi2021
आज अवध में गली -गली कुछ ऐसी रंग बिरंगी,
दशरथतनय लिए पिचकारी नगर हुआ हुडदंगी।
पूंछो तो रघुराई से कि रगं चढा यह कैसा?
पीतांबर जो अमलतास सो मुख हो टेसू जैसे। 
नील पीत औ' लाल हरित सा अंबर और अबीरा।
राम बजावै ढोल ताल दे और लखन मंजीरा ।।

वैसे तौ खेलें सब होरी पर आगे रघुवीरा।
चारों ओर गूंज हैं बम- बम, जोगीरा- जोगीरा। ।

©Rajpoot Naman singh अवध में होली रे रसिया 
#holi2021

अवध में होली रे रसिया #holi2021