आरज़ू आरजू है माँ कि फिर लौट आऊँ तेरे आँचल की छाँव में ! उन बचपन की गलियों में , उस बचपन के गाँव में ! वो तेरी ममता के साए , वो रातो की लौरी ! वो गय्यियो का माखन , वो दूध की कटोरी ! वो बचपन के संगी साथी , वो गाँव के गलियारे ! लगते थे मुझको स्वर्ग से भी प्यारे ! वो राजा रानी के किस्से , परियो की कहानी ! arzoo bachpan ki