मतलबी मैं नहीं हूं,बस दूर हो गया हूं जरूरतें बदल गई हैं,मैं मजबूर हो गया हूं हवा सी जिंदगी है,पानी सा बह रहा हूं ऊंगलियां उठ रही हैं,मैं मशहूर हो गया हूं परवाह नहीं है किसी को,अहसासों की यहां पर ख़ुदगर्ज़ है ये दुनिया,मैं मगरूर हो गया हूं चुपचाप चल रहा था,ज़िदगी के सफ़र पर एक राह मुड़ गई थी,मैं बदस्तूर हो गया हूं कुछ ख्वाहिशें हैं अधूरी,कुछ काम हैं जरूरी तकलीफ़ों से गुज़र के,उन्हें मैं मंजूर हो गया हूं लोगों ने कुछ कहा है,हमने भी कुछ सुना है एक तेरे ही दर पे आकर,मैं महफूज़ हो गया हूं... #lifelessons #lifepoetry #sufilove #dard #hindipoetry #yqdidi #hindishayari #mythoughts