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कहते हैं इंसान में इंसानियत और इंसान में परोपकार

कहते हैं इंसान में इंसानियत 
और इंसान में परोपकार की भावना ही , 
 दुनिया में भगवान के होने का संकेत है ।
मै ढूढता हूं उस भगवान के अंश को हर - एक इंसान में। ।
हर बार लगती हैं निराशा ही मेरे हाथ । 
लगता हैं, कत्ल कर कही फेंक दिया दूर इंसानिय को। 
यहां हर कोई सोचता अपने- अपने स्वार्थ की, 
परवाह नहीं किसीको भूखे मरते इंसान की ,
यहां बस एक ही धर्म बाकी है, अब।।
कोई मरता है तो मर जाए ,
कोई लुटता है तो लुट जाए ,
किसीकी जाती है इज्ज़त तो चली जाए ।
कैसे भी हो हम पर आंच ना आए।।
अरे धिक्कार है ऎसे मानव जीवन पर,
जो स्वार्थ का पुजारी होकर रह जाए ।
उठो मरे देश वीर नौजवानों, 
स्वार्थ छोड़ तुम करो वो  कार्य ,
आए जो तेरे देश के काम ।। स्वार्थ 
#कविता #motivate #motivation #lines #meriline #indianpoetry
कहते हैं इंसान में इंसानियत 
और इंसान में परोपकार की भावना ही , 
 दुनिया में भगवान के होने का संकेत है ।
मै ढूढता हूं उस भगवान के अंश को हर - एक इंसान में। ।
हर बार लगती हैं निराशा ही मेरे हाथ । 
लगता हैं, कत्ल कर कही फेंक दिया दूर इंसानिय को। 
यहां हर कोई सोचता अपने- अपने स्वार्थ की, 
परवाह नहीं किसीको भूखे मरते इंसान की ,
यहां बस एक ही धर्म बाकी है, अब।।
कोई मरता है तो मर जाए ,
कोई लुटता है तो लुट जाए ,
किसीकी जाती है इज्ज़त तो चली जाए ।
कैसे भी हो हम पर आंच ना आए।।
अरे धिक्कार है ऎसे मानव जीवन पर,
जो स्वार्थ का पुजारी होकर रह जाए ।
उठो मरे देश वीर नौजवानों, 
स्वार्थ छोड़ तुम करो वो  कार्य ,
आए जो तेरे देश के काम ।। स्वार्थ 
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