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बहुत छोटी सी ख्वाहिश है जब रंजिशें किसी से हो हर र

बहुत छोटी सी ख्वाहिश है जब रंजिशें किसी से हो
हर रंजिशों के बाद सब फासला भुलाता मिले

मैं रोज देखता हूँ नाउम्मीदी की धुंध जहान में
कोई तो शाम कोई उम्मीदों की लौ जलाता मिले

इसी उम्मीद से रूठता है अपने घर में कोई
कि शायद उसे मोहब्बत से कोई मनाता मिले

खुद में समेट लेता हूँ कुछ थकन और कई परेशानियाँ
कि जब भी रोज़गार से लौटूं तो घर मुस्कुराता मिले

कौन जाता यूँ ही वापस ना लौटने के लिए
कभी तो कोई आवाज़ लरज़ कर बुलाता मिले #अभिशप्त_वरदान
#yqdidi
 #घर_मुस्कुराता_मिले
बहुत छोटी सी ख्वाहिश है जब रंजिशें किसी से हो
हर रंजिशों के बाद सब फासला भुलाता मिले

मैं रोज देखता हूँ नाउम्मीदी की धुंध जहान में
कोई तो शाम कोई उम्मीदों की लौ जलाता मिले

इसी उम्मीद से रूठता है अपने घर में कोई
कि शायद उसे मोहब्बत से कोई मनाता मिले

खुद में समेट लेता हूँ कुछ थकन और कई परेशानियाँ
कि जब भी रोज़गार से लौटूं तो घर मुस्कुराता मिले

कौन जाता यूँ ही वापस ना लौटने के लिए
कभी तो कोई आवाज़ लरज़ कर बुलाता मिले #अभिशप्त_वरदान
#yqdidi
 #घर_मुस्कुराता_मिले
gautamanand4109

Gautam_Anand

Bronze Star
New Creator