उमड़ रहे एहसासों के क्षण हैं जीवन के वे छोटे-छोटे कण हैं मेरे गुरुवर की एक बताऊं समंदर सी गहराई है उनमें एक नहीं हजार भलाई है उनमें, संयम से लक्ष्य, धेय दर्शाते हैं, शिखर पर चढ़ना सिखलाते हैं सदैव सकारात्मकता दिखलाते हैं गुरुवर ऐसे सबको न मिल पाते हैं अनन्य भाव से हम शीश झुकाते हैं। घनी अंधेरी दीवारों पर भी अपने गुरू पर अभिमान करेंगे आपके पद्चिन्हों पर चलकर हम भी शिक्षादान करेंगे।। दौड़ रहा जीवन का स्यंदन है फिर भी विद्यालय और विद्यार्थियों के खातिर आपने किया अपना जीवन अर्पण है ह्रदयतल की गहराई से मेरे सर्वश्रेष्ठ गुरुवर आपको वंदन है।। ©Shilpa yadav #myteacher #myideal #guru #rain