मैं गुस्से में किसी से करता न बात, क्यूंकि मेरे गुस्से की ताक़त तुम शायद भूल गए हो मेरे यार, यारों का यार, दुश्मनों को दूं अपने काम से जवाब, और आज दोनों ही नहीं मेरे साथ, इसका रत्ती भर भी गम नहीं, क्योंकि मैंने न छोड़ा खुद का साथ, हर बरबादी हर कामयाबी और हर नाकामयाबी, में दिया खुद का साथ, अब जब हो रही है मेरे अंतिम अध्याय की शुरुआत, मुझे है ज्ञान, जब कोई तुम पर करे जानलेवा हमला, तो उसका नाश हत्या नहीं वध है कहलाता, यह मैं नहीं गीता में है लिखा।।।। और मैं करने जा रा वध हर उस दानव का, जिसने रचा मेरा सर्वनाश।।।। ©Akhil Kael darker #BadhtiZindagi