कुछ शरारती ख़याल है मन में, जो अब पन्नों पर नहीं उतरते कुछ सिसकते जज़्बात है दिल में, जो अब कोई हरकतें नहीं करते है उमड़ता सैलाब सा दर्द सीने में, जो अब आँखों में नहीं झलकता होती है बेचैनी आज भी रातों में, जो बिस्तर की सिलवटों में नज़र नहीं आता डगमगाते विश्वास के साथ है इंतिज़ार किसी का, जो आज भी ये आँखें चाँद को है तकती हालात भी अब कुछ ऐसे हो चले है कि, अंदर ही अंदर घुट कर हर रोज़ जी लेती #ख़याल #दर्द #इंतिज़ार #घुटन #yqdidi #yqbaba Photo credits : qygyzx.com