संगठन में अधिक शक्ति होती है । संगठित समूह को तोड़ने की शक्ति और साहस किसी भी दुश्मन में नहीं होता है इस बात को ऐसे समझिए की यदि आप एक पतली लकड़ी को हाथ से तोड़ेंगे तो लकड़ी बड़ी ही आसानी से टूट जाएगी लेकिन यदि जब आप वैसी ही दस लकड़ियों को मिलाकर तोड़ने की कोशिश करेंगे तो भी आपसे वह लकड़ियां नहीं टूटेंगी इसे ही कहते है संगठन या एकता शक्ति ।आप सभी ने प्राचीन भारत यानी जिसे पहले सोने की चिड़िया कहते थे इस बारे में सुना ही होगा उस समय में हमारा भारत विश्व में सबसे ज्यादा अमीर ,सर्वसंपन्न और सुखी था हमारे देश में किसी भी बात की कोई भी कमी नहीं थी देश का प्रत्येक आदमी सुखी ,धनवान और आनंदित था और उस समय में राजाओं का राज्य हुआ करता था और सभी राजा अपने पड़ोसी राजाओं से हमेशा जलते रहते थे देश के सभी राजाओं में आपसी एकता का था ।ना किसी तरह का कोई संगठन होता था इसी कमी का फायदा विदेश के अंग्रेजों ने और कई विदेशियों ने उठाया और हमारे देश के राजाओं में आपस में फूट डालकर हमारे देश पर हजारों वर्ष तक मनमाने ढंग से हुकूमत चलाई ,भारत के निवासियों पर हजारों जुल्म किए और अंत में हमारे सर्वसंपन्न भारत को लूटकर ले गए और आज इसी बात के कारण आज हमारा देश पहले की तुलना में बहुत ज्यादा कमजोर है अगर पहले के समय में ही सभी राजाओं में एकता और संगठन होता तो कोई भी विदेशी लुटेरा हमारे देश का बाल भी बांका नहीं कर पाता। यदि आज भी हम आपस में ही जलते ,झगड़ते और एक दूसरे से लड़ते रहेंगे तो भविष्य में कोई और लुटेरा आकर हमें लूट ले जाएगा । आप मेरे इतना सब कुछ कहने का अर्थ ,तात्पर्य समझ गए होंगे हम सभी एक महान देश के नागरिक और निवासी है और सभी समझदार भी हैं हम सबको हमेशा मिल जुलकर रहना चाहिए ,हमेशा आपस में एकता रखनी चाहिए और सदैव एकजुट होकर प्रेम से रहना चाहिए इससे हम सभी में आपसी प्रेम और भाईचारा तो बड़ेगा ही साथ ही साथ हमारे देश से जलने वाले दुश्मन,विद्रोही हमारी तरफ आंख उठाने की हिम्मत तक भी नहीं हो पाएगी ©"pradyuman awasthi" #संगठन में बहुत शक्ति होती है