फुर्सत किसे है जख्मों पर मरहम लगाने की निगाहें बदल गई है अपने और बेगानों की ए मेरे दोस्त तुम ना छोड़ो मेरी दोस्ती का हाथ वरना तमन्ना ना रहेगी दोस्त बनाने की ©Harshit Rajasthani Official #HandsOn